8TH SEMESTER ! भाग- 142( Eye for An Eye-11)
राजश्री पांडे को भगाने के बाद मैने दरवाजे को उपर से,नीचे से और बीच से बंद करके पीछे मुड़ा तो देखा कि अरुण और सौरभ अपने पूरे शरीर को चादर से लपेटे हुए मुझे देख रहे थे और साथ मे मुझे घूर भी रहे थे....
"सॉरी यार ! मैने तुम लोगो को मेरे इस प्लान के बारे मे नही बताया था...लेकिन प्लान सक्सेस्फुल हो गया,इसलिए आज पार्टी...... अरुण देगा "
बरसो पहले एक महान व्यक्ति ने ये कहा था कि यदि सारी दुनिया बदले की आग मे आँख के बदले आँख लेने लगे तो एक दिन ऐसा आएगा जब पूरी दुनिया अंधी हो जाएगी...मुझे उस महान व्यक्ति का नाम तो नही मालूम(यहाँ तक कि ये भी नही मालूम की वो मेल था या फीमेल ) ,लेकिन उनके द्वारा कही गयी वो चन्द पंक्तिया मुझे हमेशा के लिए याद हो गयी थी. फिर भी मैने दीपिका से अपना बदला लिया यानी कि आँख के बदले आँख और यदि अपने बॉलीवुड स्टाइल मे कहे तो खून के बदले खून : मैं उस महान व्यक्ति का विरोध नही कर रहा लेकिन कभी - कभी हमारे सामने ऐसी सिचुयेशन आ जाती है , जब दुश्मनों को माफ़ नहीं किया जा सकता... मेरे केस मे ये बहुत सिंपल है... मै तुम्हे अपनी मौत के लिए माफ़ कर सकता हूँ, लेकिन यदि तुम्हारे कारण मेरी इंसल्ट हुई, तो फिर मै तुम्हारी माँ......... Anyway
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"ये तूने किया है क्या, मुझे माँ कसम यकीन नही हो रहा..."अरुण चौंकते हुए बोला
"मुझे भी यकीन नही हो रहा..."सौरभ भी चौकते हुए बोला
अरुण और सौरभ अभी तक अपने शरीर मे चादर लपेटे हुए बिस्तर पर बैठे थे .
"मैं धीरे-धीरे करके एक्सप्लेन करता हूँ..."उनकी तरफ बढ़ते हुए मैं बोला...
"वो तो तुझे करना ही पड़ेगा, लेकिन पहले ये फैन बंद कर...साला ठंड के मारे फटी जा रही है...."
मैने फैन बंद किया और वापस उन दोनो की तरफ जाते हुए कहा
"तो कहाँ से शुरू करू..."
"कहाँ से शुरू करू का क्या मतलब बे... शुरू से शुरू कर ...."
"एक मिनट ..."अपने दिमाग़ को प्रेज़ेंट से पास्ट मे ले जाते हुए मैने वापस प्रेज़ेंट मे लाया और पास मे रखी चेयर को खींच कर उसपर बैठते हुए बोलना शुरू किया
"दीपिका मैम को प्रिन्सिपल ने कॉलेज से इसलिए निकाला क्यूंकी आज सुबह-सुबह ही उसने दीपिका का फर्स्ट ईयर के एक लड़के के साथ सेक्स करने वाला वीडियो देखा है... इसकी शुरुआत तब हुई थी जब तू और सौरभ, bhu से मिलने उसके कॉलेज गये थे.उस दिन, रात को नशे मे होने के कारण राजश्री पांडे और उसके दोस्तो की उनके वॉर्डन से लड़ाई हो गयी थी ,जिसके बाद वो सब भाग कर मेरे रूम मे रात बिताने आए थे.. उनसे बातो ही बातो मे मुझे ये मालूम चला कि उनमे से एक वो लड़का भी है जो दीपिका मैम का करेंट टाइम मे बाय्फ्रेंड है. बस तभी मेरे 1400 ग्राम के दिमाग़ मे एक सूनामी आई ,ऐसी सूनामी जो दीपिका मैम को बहा कर ले जाने वाली थी...मैने उसी पल ये सोचा कि यदि इन दोनो की ठुकाई का सीन किसी तरह प्रिन्सिपल की आँखो तक पहुचा दिया जाए, तो दीपिका मैम की जबर्जस्त बेज़्जती भी होगी और साथ ही साथ उसे ज़िंदगी भर के लिए कॉलेज निकाला घोसित कर दिया जाएगा, असली बदला तो किसी कि इज्जत उतारने मे है... वरना दो -तीन झापड़.. दो -तीन लात तो दीपिका मैम को मै कभी भी खूनी ग्राउंड मे ले जाकर मार सकता था. इसलिए मुझे यही सही लगा और जब पूरा प्लान तैयार हुआ तो मैने इसपर तुरंत काम चालू कर दिया और अगले ही दिन उस लड़के से मिला जिसे दीपिका ने फँसा रखा था.
शुरू मे तो उसने मेरी बात मानने से इनकार कर दिया और तब मुझे उसे धमकाना पड़ा...जैसे कि मैं उसका वही हाल करूँगा.. जो मैने वरुण और गौतम का किया था... जो मैने नौशाद का किया है. साथ ही मैने उस लड़के से कहा कि यदि वो मेरी बात नही मानेगा तो मैं उसके बाप को कॉल करके उसके और दीपिका मैम के रीलेशन के बारे मे सब-कुछ बता दूँगा... मेरी धमकिया सुनकर वो साला एक पल मे रो पड़ा, पता नही दीपिका ने कैसे फट्टू को अपना बाय्फ्रेंड बनाया था. उस दिन मैने उससे ये भी कहा कि यदि वो मेरा साथ देता है तो आज के बाद वो मेरा खास दोस्त कहलाएगा और मैं ठुकाई के वीडियो मे उसका फेस नही दिखाउन्गा, ब्लर -व्लर मार दूंगा. मैने उसे और भी कई धमकिया और लालच दिए ,आख़िरकार जब वो मान गया तो मैने उससे इन्फर्मेशन ली कि दीपिका मैम उसके साथ कब और कहाँ सेक्स करती है, जवाब मे मुझे पता चला कि हर शनिवार को जब कॉलेज की जल्दी छुट्टी होती है तो कॉलेज मे कुछ ही स्टाफ रुकते है... तब वो और दीपिका कंप्यूटर लैब मे अपना प्रोग्राम शुरू करते है.
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ये इन्फर्मेशन मेरे लिए बहुत फ़ायदेमंद साबित होने वाली थी ,क्यूंकी दीपिका अपने रूम मे चाहे किसी लड़की से ही क्यों ना सेक्स करें, या फिर किसी हिजड़े से... वो उसका पर्सनल मैटर था,लेकिन कॉलेज के अंदर कॉलेज के ही स्टूडेंट से ये सब करना ,ये एक तरह से इल्लीगल भी था और कॉलेज की रेप्युटेशन को गिराना भी इसमे शामिल था . मैने बहुत जगह हाथ-पैर मारकर...कहीं से एक छोटा से कैमरा का जुगाड़ किया, क्यूंकि पैसा नहीं था.. मेरे पास कैमरा खरीदने का... जिसमे अमर सर ने बहुत साथ दिया और कंप्यूटर लैब मे उसी लड़के के हाथो उस जगह सेट करवाया ,जहाँ से उन दोनो का खेल उस कैमरा मे आसानी से रिकॉर्ड हो जाए....और फिर एक दिन मौका देखकर दीपिका ने फर्स्ट एअर के साथ मिलकर उधर कंप्यूटर लैब मे मस्त ठुकाई मचाई और इधर मेरा काम पूरा हो गया..."
"कब से था वो वीडियो तेरे पास..."सौरभ ने पुछा
"यही पिछले कुछ 10-12 दिन पहले वो वीडियो मेरे हाथ आ गया था..."
"तो क्या अभी तक शुभ मुहर्त का इंतज़ार कर रहा था..."
"अबे, फर्स्ट एअर के उस लड़के के फेस की एडिटिंग करवानी थी.. मुझसे नहीं हो रहा था और कॉलेज मे किसी से करवा नहीं सकता था.. वरना बात पहले ही लीक हो जाती... इसलिए टाइम लग गया..."
"बोले तो एक दम सॉलिड प्लान था भाऊ, ला जल्दी से फ़ेसबुक मे अपलोड करके उस R. दीपिका की रेपुटेशन और ख़राब करते है... पर पहले बिना एडिटिंग वाला दे... बाथरूम मे काम निपटा के आता हूँ मैं... दीपिका मैम को न्यूड देख के आज मेरे जीवन का लक्ष्य पूर्ण हो गया... अब मृत्यु भी आ जाए तो कोई गम नहीं... "एक्साईटेड होते हुए अरुण ने कहा...
"नही यार, पता नही क्यूँ लेकिन ऐसा करने के लिए मेरा लेफ्ट साइड तुझे रोकना चाह रहा है... "सौरभ बोला " कॉलेज से निकलवा तो दिया.. बस तेरा बदला पूरा हुआ... अब fb वगैरह मे किसी लड़की कि वीडियो शेयर करना.. उसकी बहुत बदनामी होगी..."
"Really..? वो मुझे मरवाने के चक्कर मे थी... मरवाने मतलब, जान से मरवाने के चक्कर मे. माफ़ करना सौरभ.. पर उस दिन ग्राउंड मे गौतम के गुंडों से तू नहीं मैं डंडे खा रहा था.. दर्द मुझे हुआ था,सर मेरा फटा था और खून मेरा बहा था... कोमा मे मै रहा था.. साला पूरा एक सेमेस्टर बैक लग गया.... उसके बाद मेरे दिमाग़ कि हालात क्या है.. तुम दोनों को क्या पता.. साला कभी भी घूमने लगता है.. मुझे मेरा मरा हुआ दोस्त सपने को छोड़,जब होश मे रहता हूँ तब भी दीखता है... डॉक्टर ने कहा है की मेरी हालात जैसे जैसे समय बीतता जायेगा, बद से बदतर होती जायेगी... इन सबका कारण कौन है...?? R. दीपिका.. क्यूंकि उसे कार चाहिए थी... "
"वो सुसाइड ना कर ले भाई... Fb मे वीडियो अपलोड होते ही..."
"तो कर ले... मुझे क्या... मै बहुत स्वार्थी आदमी हूँ बे, दुनियादारी का काम दुनिया पर छोड़ देता हूँ. जब मेरे जीने -मरने से उसे कोई फर्क नहीं पड़ा तो फिर उसके जीने -मरने से भला मुझे क्यों फर्क पड़ने लगा... तुम्हे क्या लगा,मै सिर्फ बोलता हूँ...?? फाड़ के रख देता हूँ... कभी मेरे चक्कर मे फसना मत और यदि फंसे तो ध्यान रखना की जिन्दा ना बचु... वरना जीना हराम कर दूंगा... हैवान हूँ मैं. The Name is AR-MAN~ Arrogant Reputed Man"
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"वो सब तो ठीक है कक्के,लेकिन तू ये बता कि तुझे हम दोनो पर भरोशा नही है क्या... जो कभी भी कोई बात हमे नही बताता, साले हम तेरे दोस्त है लेकिन तेरे कारनामे की खबर हमे सबसे आख़िरी मे मालूम चलती है और वो भी दूसरो के मुँह से..."बिस्तर से नीचे आते हुए अरुण ने सौरभ से कहा"सौरभ, वो हॉकी स्टिक निकाल तो,अभी साले को तीन महीने के लिए फिर से कोमा मे भेजता हूँ..."
"मुझे मालूम है अरुण, तू मज़ाक कर रहा है.तू मुझे नही मार सकता..."
"मुझे तो ऐसा नही लगता "कहते हुए अरुण ने एक जोरदार मुक्का मेरे पेट मे मारा....
"अबेबेबे....इतनी ज़ोर से मारेगा क्या..."
"यदि इतना ही दर्द हो रहा है तो ये बता कि तू हमे सारी बात पहले क्यूँ नही बताता... कुत्तरेया "इसी के साथ दूसरा मुक्का मेरी पीठ पर पड़ा...
"वो क्या है कि... किसी महान पुरुष ने कहा है कि ,जब आप खुद कोई राज़ की बात अपने अंदर नही रख पाए ,तो फिर आप दूसरो से कैसे एक्सपेक्ट कर सकते हो कि वो ये बात किसी और को ना बताए..."मैने अपना पक्ष रखने की कोशिश की
"कोई फ़ायदा नही होने वाला बेटा,आज तो तू कोमा मे जाकर रहेगा..."
"एक और बात ऐसी है जो तुम लोग को मैं सबसे पहले बताने जा रहा हूँ...अब तो छोड़"
"अच्छा ,चल बता.."मुझे मारना बंद काटके अरुण ने पूछा
"वो फर्स्ट एअर मे जिस सीनियर ने मेरी रैगिंग ली थी ना, उसका भी खेल आज ख़त्म होने वाला है... ये वही लड़का है, जो गौतम के गुंडों के दल मे शामिल था और पत्थर के पीछे जब मै छिपा हुआ था तो मुझे देखकर सबसे पहला इसी ने मुझपर किया था..."
"क्या बात कर रहा है... उसका भी काम तमाम..?? वो कैसे..."अरुण और सौरभ एक साथ बोल पड़े"जल्दी से बता..."
"आज दोपहर मे वो अपनी गर्लफ्रेंड के साथ मॉल मे फिल्म देखने जाएगा, जहा से निकलने के बाद ,उसकी किसी से बहस होगी और फिर वो बहस लड़ाई मे तब्दील हो जाएगी... जिसके बाद उस सीनियर की जोरदार पेलाइ होगी . मेरे ख़याल से अब ये बताने की कोई ज़रूरत नही कि जो लोग उस हरामी को मारेंगे वो मेरे आदमी कहा के होंगे और अपना चेहरा ढके होंगे "
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"अरमान सर, हमरो एक ठो सवाल है ..."बीच मे ब्रेक लगाते हुए वरुण ने कहा"तूने वीडियो प्रिन्सिपल को कैसे दिखाया.क्यूंकी प्रिन्सिपल तेरा कोई दोस्त तो है नही जो तू उसके कंधे पर हाथ रखकर दीपिका मैम की ठुकाई का वीडियो प्ले कर देगा... "
"याद है शुरुआत मे ही मैने सरकारी कॉलेज के कुछ नियम,कायदे बताये थे कि सरकारी कॉलेज के टीचर्स को सर भले ना कहो... लेकिन वहा के पियून को सर कहना ही पड़ता है... बहुत काम आते है "
"इसका मतलब तूने पियून की मदद से वो वीडियो..."
"Yep.."बीच मे ही वरुण को रोक कर मैने कहा"और तू ये बार-बार डिस्टरब मत किया कर बे,फ्लो बिगड़ जाता है..."
"ओकेई सर.....अब कुछ नही बोलूँगा."
madhura
21-Mar-2023 01:21 PM
nice
Reply
shweta soni
21-Jul-2022 01:39 PM
Nice 👍
Reply
Raziya bano
30-May-2022 07:39 AM
Bahut khub sir
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